इंदौर। इंदौर में 11 से अधिक दवाइयों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। डॉक्टर के पर्चे के बिना यह दवाइयां सीधे नहीं मिलेंगी। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए नई एडवायजरी जारी की है। इंदौर में आपराधिक गतिविधियों की रोकथाम और जनसामान्य के स्वास्थ्य हित को ध्यान में रखते हुए पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह ने कई दवाइयों की डायरेक्ट मेडिकल स्टोर से बिक्री पर बैन लगा दिया है।
केवल डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन से ही यह दवाइयां मिलेंगी। मेडिकल स्टोर संचालन को दवाइयां देने की जानकारी का पूरा रिकार्ड भी रखना होगा। उन्हें दवा देने के बाद डॉक्टर के पर्चे की छायाप्रति रखना अनिवार्य होगा। इस संबंध में पुलिस के द्वारा प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं।
इन दवाइयों की डायरेक्ट बिक्री पर बैन
- सभी नाईट्राजेपाम टेबलेट्स (समस्त नाईट्रावेट टेबलेट्स)
- सभी क्लोनेजेपाम टेबलेट्स
- सभी डायजेपाम टेबलेट्स
- सभी ऑक्साजीपाम टेबलेट्स
- सभी इटिजोलाम टेबलेटस
- सभी एल्प्राजोलम टेबलेटस
- सभी कोडीन फास्फेट सिरप/टेबलेटस
- क्लोजापाम टेबलेटस (फीजीयम टेबलेट आदि)
- गर्भपात/गर्भसमापन संबंधित औषधियां जैसे-
- Ru486
- Mifepristone
- Misoprostal व उसके ग्रुप श्रेणी की दवाओं (गोली, इंजेक्शन, जेल) का विक्रय।
दुकानदार को रखना होगी पर्चे की फोटोकॉपी
एडवायजरी में बताया गया है कि लिखित प्रिस्किप्शन की छायाप्रति संबंधित मेडिकल स्टोर द्वारा रखी जाएगी। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं पदेन उप संचालक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन अपने अधीनस्थ औषधि अनुज्ञापन प्राधिकारियों के माध्यम से नियमित एवं आकस्मिक निरीक्षण कर आदेश का प्रभावी परिपालन सुनिश्चित करेंगे। अनियमितता पाई जाने पर तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे। यह आदेश तत्काल प्रभावी होकर 07 जनवरी,2025 तक तक लागू रहेगा। इस आदेश का उल्लंघन अन्य अधिनियमों के साथ भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दण्डनीय अपराध है।